जुबिली न्यूज डेस्क
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कांशीराम के जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए कहा कि यह चमचा युग है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बामसेफ, डीएस-4 और बसपा के संस्थापक कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि अपने खून-पसीने से अर्जित धन के बल पर डटे रहना कोई मामूली बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अन्य अपेक्षितों को लाचारी और मजलूमी की जिंदगी से निकालकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के बहुजन समाज पार्टी के संघर्ष में दृढ़ संकल्प के साथ लगातार डटे रहना ही मान्यवर कांशीराम जी को सच्ची श्रद्धांजलि है।”
यह भी पढ़ें : हिजाब विवाद : शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक, HC ने खारिज की याचिका
यह भी पढ़ें : यूक्रेन को कमजोर करने के लिए अब रूस अपनाएगा ये रणनीति
यह भी पढ़ें : सत्ता की लड़ाई हारकर, वैचारिक धरातल पर जीत गई समाजवादी पार्टी
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्मसम्मान और स्वभिमान के मानवतावादी मूवमेंट को जीवंत बनाने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष किया और अनंत कुर्बानियां दीं। इसके बल पर काफी सफलता भी अर्जित की और देश की राजनीति को नया आयाम दिया।
मायावती ने कांशीराम की याद में किए गए कामों का जिक्र करते हुए कहा, ”ऐसे महापुरुष की यादों को चिर स्थाई बनाने के लिए बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश में रही सरकारों के दौरान उनके नाम पर अनेक भव्य स्थल, पार्क, शिक्षण संस्थान, अस्पताल और आवासीय कॉलोनी आदि बनाए गए और जनकल्याणकारी योजनाएं चलाईं गईं। राजधानी लखनऊ में स्थापित मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक इनमें सर्वप्रमुख है।”
यह भी पढ़ें : यूपी में प्रियंका की असफलता को ढाल बना क्या बोले रावत ?
यह भी पढ़ें : अमेरिका बोला-किसी देश को नहीं करने देंगे रूस की मदद
यह भी पढ़ें : CWC की मीटिंग में हार पर मंथन लेकिन नये अध्यक्ष पर नहीं बनी बात