न्यूज डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के भारत दौरे के ठीक पहले अमेरिकी संसद के एक प्रतिनिधि मंडल ने छह माह पहले जम्मू-कश्मीर में हिरासत में रखे गए नेताओं को लेकर बड़ा बयान दिया है।
अमेरिकी सांसदों ने इन नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि वे कश्मीर में राजनीतिक कारणों से हिरासत में रखे गए जन प्रतिनिधियों को अभी तक रिहा नहीं किए जाने पर चिंतित हैं।
इस दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में डेमोक्रैटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता एमी बेरा और रिपब्लिकन पार्टी के नेता जॉर्ज होल्डिंग शामिल हैं। बेरा अमेरिकी कांग्रेस की हाउस कमिटी ऑन एशिया एंड एशिया पैसिफिक के अध्यक्ष हैं। दोनों सांसद कांग्रेस में इंडिया कॉकस में शामिल हैं।
भारत के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद एमी बेरा ने पत्रकारों से कहा, “कश्मीर में सामान्य हालात बहाल हों, ये हमारे हित में है। वहां राजनीतिक नेता अब भी हिरासत में हैं, इस बात से हम चिंतित हैं।”
भारत सरकार से उन्होंने कहा है कि वह अमेरिकी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर लेकर जाएं ताकि सदस्य खुद स्थिति का जायजा ले सकें। बेरा का पूरा नाम अमरीश बाबूलाल है और वह भारतीय मूल के हैं। उनके पिता बाबूलाल बेरा गुजरात के राजकोट से 1958 में अमेरिका चले गए थे।
वहीं रिपब्लिकन पार्टी के नेता जॉर्ज होल्डिंग होल्डिंग ने पत्रकारों से कहा, “हमारे पास कश्मीर को लेकर कई सवाल हैं। मेरा ढृढ़ विश्वास है कि कश्मीर में आर्थिक अवसरों को बढ़ाने से ही सफलता मिलेगी और यह तभी हो पाएगा जब वहां एक स्थिर राजनितिक व्यवस्था हो जो पूंजी को आकर्षित कर सके। ”
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे के ठीक पहले आये अमेरिकी सांसदों का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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Foreign Secretary @HarshShringla met US Congressional Delegation led by @RepBera Chairman House Foreign Affairs sub-Committee on Asia-Pacific & @RepHolding, Member House Ways & Means Committee & co-Chairs of India Caucus & discussed strengthening🇮🇳🇺🇸ties & regional developments. pic.twitter.com/PoswwjsSTU
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 18, 2020
मालूम हो कि बीते वर्ष 5 अगस्त को केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया था। सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने भारी संख्या में सामाजिक कार्यकताओं के साथ-साथ राजनीतिक लोगों को गिरफ्तार किया था। अभी भी तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्लाह, फारूक अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता हिरासत में हैं। हाल ही में उमर और मुफ्ती पर कश्मीर के सख्त कानून पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत आरोप लगाकर उनकी हिरासत को बढ़ा दिया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत को उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और अदालत ने जम्मू और कश्मीर प्रशासन को 29 फरवरी तक जवाब देने का समय दिया है।
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