जुबिली न्यूज डेस्क
करनाल में किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने आज रात 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट और एसमएस सेवा पर बैन लगा दिया है।
किसान आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के निलंबन और मृतक किसान के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
हालांकि बुधवार को किसान नेताओं व जिला प्रशासन के बीच वार्ता हुई थी लेकिन कोई हल नहीं निकला था। किसानों ने करनाल लघु सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का ऐलान किया है।
हरियाणा गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, करनाल में किसानों के आंदोलन के मद्देनजर राज्य सरकार ने “गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए” जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया है। यह आदेश आज रात 11:59 बजे तक प्रभावी रहेगा।
बुधवार को किसान नेताओं और पुलिस-प्रशासन के बीच सवा तीन घंटे में दो दौर की वार्ता हुई। पहले दौर की वार्ता में डीसी निशांत यादव व एसपी गंगाराम पूनिया ने प्रशासनिक टीम का नेतृत्व किया और दूसरे दौर में रेंज कमिश्नर की अगुवाई में बातचीत हुई।
Haryana: Farmers continue their demonstration outside mini secretariat in Karnal, demanding action against the officials who ordered lathi-charge against protesters in the district last month
State Govt has suspended mobile internet and SMS services in the district today pic.twitter.com/ufftkQswkb
— ANI (@ANI) September 9, 2021
इस बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासनिक टीम ने हर आधे घंटे बाद चंडीगढ़ बात की मगर ऐसा कोई सुझाव या प्रस्ताव नहीं आया, जिस पर सहमति बन सके।
यह भी पढ़े : सचिन ने मनसुख का मर्डर कराने के लिए प्रदीप शर्मा को दी थी मोटी रकम
यह भी पढ़े : डोर-टू-डोर कोरोना वैक्सीनेशन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
यह भी पढ़े : चुनावी मोड में भाजपा, इन नेताओं को बनाया गया चुनाव प्रभारी
उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि अधिकारी आयुष सिन्हा पर केस दर्ज कर निलंबित किया जाए, मगर सरकार ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती करनाल सचिवालय के बाहर धरना जारी रहेगा।
वहीं इस मामले में योगेंद्र यादव ने कहा कि आयुष सिन्हा ने जो कार्य किया है वह निंदनीय है, उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज होना चाहिए, लेकिन सरकार उसका बचाव कर रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन की तरफ से निमंत्रण मिलने के बाद दोपहर दो बजे किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम चढूनी, योगेंद्र यादव और सुरेश कौथ समेत 11 किसान नेता प्रशासन से वार्ता के लिए पहुंचे थे। इससे पहले किसानों ने निर्मल कुटिया और जाट भवन होकर सचिवालय जाने वाले रास्ते पर लगाए बैरिकेड हटवा दिए।
किसान क्यों कर रहे आंदोलन
पुलिस ने 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया था। पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए करनाल के रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल की मौत हो गई थी। 30 अगस्त को भाकियू ने घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत करके हरियाणा सरकार से तीन मांगें रखी थीं। साथ ही महापंचायत और लघु सचिवालय का घेराव करने की घोषणा की थी। 6 सितंबर को प्रशासन ने बातचीत के लिए किसानों को बुलाया, लेकिन बात नहीं बनी।
यह भी पढ़े : क्या जावेद अख्तर की पोती हैं उर्फी जावेद? जानिए शबाना आजमी ने क्या कहा?
यह भी पढ़े : भाजपा सांसद के घर के बाहर फेंके गए बम, राज्यपाल ने जतायी चिंता
मंगलवार को महापंचायत हुई और किसानों का जमावड़ा देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को प्रशासन ने बातचीत का न्योता भेजा। दोपहर में राकेश टिकैत, गुरनाम चढ़ूनी, योगेंद्र यादव व दर्शनपाल आदि के नेतृत्व में 15 सदस्यीय कमेटी लघु सचिवालय पहुंची।
तीन दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता सिर फोडऩे का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के निलंबन पर अड़ गए, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई। इसके बाद बलबीर सिंह राजेवाल के आदेशों के बाद किसानों ने लघु सचिवालय की ओर कूच किया।