पॉलिटिकल डेस्क
लोकसभा चुनाव की तारीखों की एलान के साथ ही उत्तर प्रदेश में जोड़-तोड़ की राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन में कांग्रेस को भले जगह न मिली हो, लेकिन कांग्रेस और सपा एक-दूसरे पर मेहरबान नजर आ रहे हैं।
सपा पर मेहरबान कांग्रेस
गठबंधन पहले ही यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अपने कैंडिडेट खड़ा न करने का एलान कर चुका है। वहीं, कांग्रेस ने ऐसी छह सीटों पर अपने उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है, जहांं अखिलेश यादव के परिवार के लोग चुनाव में उतरेंगे।
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छह सीटों पर नहीं उतारेंगे उम्मीदवार
कांग्रेस पार्टी ने मैनपुरी, फिरोजाबाद, कन्नौज और आजमगढ़ सीट खाली छोड़ने का फैसला किया है। इन चार सीटों के अलावा अगर अखिलेश यादव और मायावती कहीं से चुनाव लड़ते हैं तो उस सीट पर भी कोई उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा।
गौरतलब है कि मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और फिरोजाबाद से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनाव लड़ने जा रहे हैं। आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव के लड़ने की चर्चा है। मायावती ने कहां से चुनाव लडेंगी, अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
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बदायूं सीट पर भी विचार
हालांकि, कांग्रेस ने बदायूं से सपा संसद धर्मेंद्र यादव के खिलाफ सलीम इकबाल शेरवानी को टिकट दिया है, जिसके बाद कोशिश हो रही है कि इस सीट पर भी सीधे टकराव की स्थिति पैदा न हो, ऐसे में अब इस सीट से भी कांग्रेस उम्मीदवार हटाने पर विचार चल रहा है।
मायावती ने कांग्रेस को दिया झटका
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में अखिल भारतीय बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि बीएसपी किसी भी राज्य में कांग्रेस पार्टी के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं करेगी। मायावती ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन बीजेपी को हराने की ताकत रखती है। बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस की सहयोगी की जरूरत नहीं है।