न्यूज डेस्क
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी मुद्दों पर बने एक अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने दिल्ली में हुए दंगे पर चिंता जताई है। संस्था ने कहा है कि भारत सरकार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए फौरन कदम उठाना चाहिए।
यूएससीआईआरएफ की आयुक्त अरूणिमा भार्गव ने कहा, ‘ लगातार ऐसी खबरे आ रही हैं कि मुस्लिम समुदाय पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए पुलिस ने दखल नहीं दिया। यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का साफ उल्लंघन है।’
वहीं यूएससीआईआरएफ के इस बयान पर भारत ने भी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी आयोग का यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रम पैदा करने वाला है।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा है कि ऐसा लगता है कि आयोग, मीडिया का एक हिस्सा और कुछ लोग मामले का राजनीतिकरण करना चाहते हैं। उसका यह भी कहना था कि कानून का पालन सुनिश्चित करवाने वाली एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और कोशिश हो रही है कि सामान्य हालात बहाल हो जाएं। मंत्रालय ने ऐसे हालात में गैरजिम्मेदार बयानों से बचने की सलाह दी है।
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We have seen comments made by USCIRF, sections of the media and a few individuals regarding recent incidents of violence in Delhi. These are factually inaccurate and misleading, and appear to be aimed at politicising the issue. (1/3)
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 27, 2020
गौरतलब है कि दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में बीते चार दिन से हो रही हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस हिंसा में अब तक 34 लोगों के मरने की खबर है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं।
दिल्ली भले ही शांत हो गई है, लेकिन जो घाव उसे लगा है उसे भरने में काफी वक्त लगेगा। इस दंगे ने किसी की कोख उजाड़ी है तो किसी का बसेरा। दंगों के दर्द का टीस वहीं समझ सकता है जिसने उसे झेला है।
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